योग एक प्राचीन भारतीय पद्धति है, जो शारीरिक, मानसिक और आत्मिक कल्याण को बढावा देती है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है, बल्कि मानसिक शांति और संतुलन को भी बढ.ावा देता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम तकनीकों के माध्यम से व्यक्ति तनाव, चिंता और अन्य मानसिक समस्याओं से मुक्त हो सकता है। योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। हजारों वर्ष पहले जब सभ्यता का विकास हुआ, तभी से योग किया जा रहा है। योग विद्या में शिव को आदि योगी तथा आदि गुरू माना जाता है। इसके बाद ऋषि मुनियों से लेकर कृष्ण, महावीर और बुद्ध ने इसे विस्तारित रूप दिया। और बाद में पंतजलि ने इसे सुव्यवस्थित रूप दिया। योग करने से शरीर तो स्वस्थ्य रहता है, साथ ही साथ इससे अनगिनत लाभ भी मिलते हैं। योग का अभ्यास करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्म-साक्षात्कार भी प्राप्त होते हैं। योग की विभिन्न मुद्राएं;आसनोंद्ध और श्वसन तकनीकें ;प्राणायामद्ध शरीर की विभिन्न प्रणालियों को संतुलित और सशक्त बनाती है। नियमित योग अभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद जैसे मानसिक विकारों में राहत मिलती है। योग एक्सपर्ट- ़ऋत्विक कुमार बताते हैं कि-
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ऋत्विक कुमार |
योग करने से हमारे शरीर को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। शारीरिक लाभ के अंतर्गत योग से शरीर का लचीलापन बढ.ता है और मासपेशियों की ताकत में सुधार होता है। श्वसन संबधित योग करने से श्वसन प्रणाली मजबूत होती है और फेफड.ों की क्षमता बढ.ती है। योग वजन को नियंत्रित करने और स्वस्थ्य बनाये रखने में मदद करता है। मानसिक लाभ के अंतर्गत योग और ध्यान से मानसिक तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। ध्यान करने से एकाग्रता में वृद्धि होती है और मानसिक स्पष्टता में सुधार होता है। साथ ही साथ योग से मस्तिष्क में सकारात्मक रसायनों का उत्पाद बढ.ता है, जिससे मूड बेहतर होता है। योग से भावनात्मक फायदे भी होते हैं। नियमित योग अभ्यास से मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है। तनाव और चिंता में कमी होती है। योग से शरीर में एंडोर्फिन और अन्य सकारात्मक न्यूरोट्रांसमीटर की मात्रा बढ.ती है, जिससे मूड में सुधार होता है। योग से आत्म-स्वीकृति और आत्मविश्वास को बढ.ावा मिलता है। योग से धैर्य, सहनशीलता और करूणा जैसे गुणों का विकास होता है। साथ ही साथ योग से स्व- अनुशासन, आत्मचिंतन और सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास भी होता है। वहीं आध्यात्मिक लाभ की बात करें , तो इसके अंतर्गत योग आत्म चेतना और आत्म ज्ञान को बढ.ाता है। ध्यान और प्राणायाम से मन में शांति और संतुलन आता है। योग से जीवन की गुणवता में सुधार होता है आत्म संतोष की भावना बढ.ती है।
योग एक्सपर्ट- - अनुराग आनंद बताते हैं कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग अभ्यास अत्यंत लाभकारी है। विभिन्न योगासन ;जैसे ताड.ासन, वृक्षासन, और भुजंगासनद्ध मासंपेशियों को मजबूत कर शरीर के लचीलेपन को बढ.ाता है। साथ ही साथ रक्तसंचार को सुधारता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत भी करता है। योग में शामिल प्राणायाम, यानी श्वसन तकनीके, फेफड.ों की क्षमता बढ.ाती है और श्वसन तंत्र को मजबूत बनाती है। यह हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है और उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी नियंत्रिंत करने में मदद करता है। प्राणायाम से मन की गहराईयों में झांकने का अवसर मिलता है और आत्मा की शांति प्राप्त होती है। आजकल की व्यस्त जिंदगी में लोग काम के तनाव के कारण डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। योेग के जरिए तनाव को कम किया जा सकता है। सूर्य नमस्कार, शवासन, उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, वक्रासन के साथ-साथ शांति मंत्र जाप से डिप्रेशन दूर किया जा सकता है।
हर साल योग दिवस एक थीम पर आधारित होता है। 21 जून 2024 के लिए योग दिवस का थीम महिला सशक्तिकरण है। महिलायें परिवार की रीढ. होती हैं, वो घर और बाहर दोंनो जगह अपनी भूमिका निभाती हैं। ऐसे में तनाव होना लाजमी है। महिलाओं को फिट और स्वस्थ्य रहना बहुत ही जरूरी है। योग महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है। मेडिका रांची की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. रश्मि सिंह कहती हैं कि
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डा. रश्मि सिंह |
योग करने से महिलाओं के हार्मोंस रेगुलर हो जाते हैं। शारीरिक व्यायाम से एंडोर्फिन और डोपामाइन जैसे स्वस्थ्य मस्तिष्क रसायन निकलते हैं। जो मूड को संतुलित करने और अवसाद जैसे सामान्य मानसिक स्वास्थ्य से निपटने में मदद करता है। इसके अलावा योगा से इंसूलिन भी ठीेक रहता है, जो डायब्टीज को कंट्रोल करता है।
अर्थात योग एक संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली है जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से जीवन की गुणवता, मानसिक तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है। योग से मस्तिष्क में सकारात्मक रसायनों का उत्पादन बढ.ता है, जिससे मूड बेहतर होता है, और हम अपने काम को अच्छे तरीके से कर सकते हैं। और एक स्वस्थ्य और निरोग जिंदगी जी सकते हैं।
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