एरियल एंटी ग्रेविटी योग, अर्थात योग के साथ आनंद

एरियल एंटी ग्रेविटी योग

योग से हम सभी भली भांति परिचित हैं। आज योग हमारे दैनिक जीवन का एक अंग बन गया है। बच्चे बड. सभी अपने आप को फिट रखने के लिए योग आसन करते हैं। योग प्राचीन भारत की देन है। योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाया जाता है। योग शरीर के साथ-साथ मन को भी तंदुरूस्त रखता है। योग शब्द का अर्थ समाधि अर्थात चित्त वृतियों का निरोध होता है। पतंजलि जो योग के गुरू थे उन्होंनेे योग की परिभाषा देते हुए कहा है कि योगश्चित्तवृतिनिरोधः अर्थात चित्त की वृतियों के निरोध का नाम योग है। इसका अर्थ यह हुआ कि चित्तवृतियों के निरोध की अवस्था का नाम योग है या इस अवस्था को लाने के उपाय को योग कहते हैं। लेकिन इस परिभाषा की कुछ विद्वानों ने अपत्ति जतायी है उनका कहना है कि अगर चित्त वृतियों में निरोध होगा तो अस्तित्व का लोप हो जायेगा। इसलिए योग चित्त वृतियों का प्रवाह है जो निरंतर आगे बढ.ते रहता है। योग सबसे पहले भारत में बौद्ध धर्म के जरिए आया उसके बाद यह चीन, जापान, तिब्बत और श्री लंका में फैला। महाभारत काल में श्रीकृष्ण ने गीता के छठे अघ्याय में योग की महता बतलाते हुए कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञान योग का उल्लेख कर लोगों को योग के अर्थ से अवगत करवाया है। प्राचीन काल से ही लोग योग को अपने दैनिक जीवन का अंग बना कर अपने आप को फिट और तंदुरूस्त रखने लगे। योग का नाम लेने से हमारे सामने  कपालभारती, प्रायाणाम और अनुलोम-विलोम जैसे योगासनों का नाम आता है, जिन्हें हम योगामैट पर बैठ कर करते हैं। लेकिन वक्त के बदलने के साथ ही सारी चीजें बदल रही है। फिटनेश और फैशन की दुनिया में हर दिन नए-नए बदलाव होते रहते हैं। जिसे नए टेंडकृस या वेरियशन कहा जाता है। इसी तरह योग के नए टेंडकृ में अभी एरियल एंटी ग्रेविटी योग लोगों द्वारा पंसद किए जा रहे हैं। एरियल एंटी ग्रेविटी योगा एक मार्डन योगा का प्रकार है जो आपको फिट और स्वस्थ रहने में मदद करता है। समय के साथ- साथ लोेगों की पसंद भी बदलती है। पुरानी चीजों में हम कुछ नयापन ढूंढ.ने लगते हैं। और उससे अगर हमें बेहतर परिणाम प्राप्त हो जायें , तो वे चीजें हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन जाती है। और इस संदर्भ में एरियल एंटी ग्रेविटी योगा एक बेहतर उदाहरण है। उससे पहले जानते हैं कि क्या है एरियल एंटी ग्रेविटी योग।

     एरियल एंटी ग्रेविटी योग हवा में लटक कर किया जाने वाला योग आसन है। इसमें एक सिल्क के कपड. का इस्तेमाल करते हैं। और शरीर का पूरा भार कपड. पर निर्भर रहता है। कपड. को लटका कर योगा के आसन किए जाते हैं। चूंकि यह योग जमीन के कुछ उपर किए जाते हैं इसलिए इसे एंटी ग्रेविटी योग कहते हैं। इस योग की शुरूआत 1990 में हुई थी। इस योग के अंर्तगत चक्रासन, नटराजआसन, वृक्षासन समेत कई आसन किए जाते हैं। एरियल एंटी ग्रेविटी योग के लिए जो चीजें जरूरी होती हैं वे हैं- जमीन से 2 से 3 फीट की सर्पोट चेन के द्वारा सीलिंग से लटके झूले की जरूरत होती है। इस झूले में योग करने में कोई समस्या नहीं होती है क्योंकि यह 300 किलो तक वजन उठा सकता है। यह योग दैनिक जीवन में किए जाने वाले योग से अलग है, क्योंकि इसमें हवा में लटक कर योग आसन किए जाते हैं। इस योग की खासियत यह भी है कि यह सभी उम्र के लोगों के लिए फुल बॉडी वर्कआउट की तरह काम करता है। इस में किए जाने वाले मूवमेंट में शरीर का हर हिस्सा मूव और स्टकृेच होता है। जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और जोड. लूब्रिकेट होता है। इसलिए इस योग को करने में लोग आनंद का अनुभव करते हैं। यह योग सेलेब्रिटीस द्वारा बहुत ही पसंद किए जाते हैं। एरियल एंटी ग्रेविटी योग के बारे में जानकारी देते हुए योगा एक्सर्पट इंद्रजीत चक्रवति बताते हैं कि इस योग मेें सबसे पहले बॉडी बैलेंस का होना बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि जब आप हवा में लटक कर योग करते तो उसमें बॉडी को लॉक कर दिया जाता है। ताकि योग आसन करते वक्त कोई घटना घटित ना हो जाए। और बॉडी लॉक तभी होगा जब उसका बैलेंस सही ढंग से होगा। ऐसा नहीं है कि शुरूआती दौर में ही हम स्टूडेंट को एरियल योग की टकृेनिंग देना शुरू कर देते हैं, सबसे पहले हम उन्हें ग्रेविटी योग की टकृेनिंग देते हैं उसमें जब बॉडी लचीली हो जाती है तब हम उसे एरियल योग सिखाना शुरू करते हैं। इस योग में सांसों के साथ-साथ अपने हाथों और पैरों पर भी पकड. अच्छी होना जरूरी है। एरियल एंटी ग्रेविटी योग की शुरूआत 1990 में हुई थी। इसे योग का एडवांस वर्जन भी माना जा सकता है। अधिक उम्र के व्यक्तियों के साथ-साथ कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जिनके लिए योग कर पाना कठिन होता है। ऐसे में र्स्पोटस सिस्टम के साथ योग इन सब के लिए बेहद फायेदेमंद है। और जिनके मसल्स आसानी से नहीं खुलते उनके लिए भी एरियल योग या सर्पोट सिस्टम के साथ योग बेहतर ऑपसन है। वहीं शीर्षासन और हलासन हवा में बहुत ही आसान हो जाते हैं। इस योग मे सिर और रीढ. पर कोई दबाव नहीं पड.ता है। इस तरह गर्दन और पीठ के दर्द को रोका जा सकता है। ताड.ासन, अधो मुखासन, गोमुखासन आदि हवा में करने से एक अलग तरह का आंनद का अनुभव होता है। एरियल योग में लटक कर योग करने से शरीर में कम दर्द और दबाव होता है। और इससे बेहतर परिणाम भी प्राप्त होते हैं। इस योग को करने में कुछ सावधानियां भी बरतने की आवश्यकता है। एरियल योग को करने के लिए नंगे पांव और सूती के कपड. पहने चाहिए। हल्का भोजन करें और अभ्यास से पहले ढेर सारा पानी पी लें। हाथों पर कोई लोशन ना लगायें ताकि झूले में चढ.ते वक्त कोई दुर्घटना ना घटे। और अपने नाखूनों को टिकृम करना ना भूलें। इन सारी बातों को ध्यान में रख कर आप भी एरियल एंटी ग्रेविटी योग का आनंद ले कर अपने को फिट रख सकते हैं।

 

 

 

 

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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