प्यार एक अहसास है जो बस हो जाता है। इसकी ना कोई सीमा होती है और ना ही कोई परिभाषा। प्यार तो बस, त्याग और समरसता का एक नाम है जिसमें कोई शर्त की गुंजाईश नहीं होती है। प्यार दुनिया का सबसे खुबसूरत अहसास है। जो जिंदगी को एक अलग नजरिया दे कर उसे बहुत ही खूबसूरत बनाता है। प्यार अपने आप में इतना विस्तृत है कि इसका कोई ओर है ना छोर और इसकी अनुभूति इतनी गहरी है कि इसका कोई थाह नहीं है। कहने का तात्पर्य यह है कि प्यार का अहसास अनंत है। यूं तो प्यार का कोई मौसम नहीं होता है, लेकिन बसंत और प्रेम दोनों का मौसम एक ही होता है। क्योंकि बसंत प्रकृति और प्रजनन को बनाए रखने वाला मौसम है। इसी मौसम में पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं। और सरसों के पौधों में फूल भी इसी मौसम में खिलते हैं। पूरी पृथ्वी को देख कर ऐसा लगता है जैसे शरद ऋृतु के बाद पृथ्वी ने हरियाली की एक नई चादर ओढ.ली हो। बसंत का महीना अंग्रेजी कैलेंडर के फरवरी माह और हिंदी पंचाग का बसंत एक ही महीने के मौसम हैं। इसलिए फरवरी को प्यार का महीना कहा जाता है। कवि और कलाकार अपनी संवेदनशीलता के कारण प्रेम को महसूस करते हैं। पर ऐसे बहुत कम लोग ही होते हैं जो हर क्षण में प्रेम को ही जीते हैं। प्रेम की उद्धत अवस्था वह होती है जो धीरे-धीरे परिधि तोड. कर रूह तक पहुंच जाती है। लेकिन ज्यादातर लोग प्रेम की इस गहराई तक उतर ही नहीं पाते हैं।
कबीर प्रेम को दुरारोह और दुष्प्रय मानते हैं उस स्तर पर जहां प्रकृति और निवृति आसक्ति और अनाशक्ति लोक परलोक एक साथ नहीं चलते जहां क्षणिक का अंत हो जाता है और संपूर्ण ब्रह्मांड अपना लगने लगता है वही प्रेम का सर्वोच्च रूप होता है। यानी व्यक्ति का लोप और ईश्वर तत्व का अनुभव है। कबीर ने अपने ज्ञान का निचोड़ निकाल कर प्रेम को इसी तरह परिभाषित किया है। व्यक्ति कितना भी मतलबी या स्वार्थी क्यों न हो पर किसी से प्यार होने पर वह अपने साथी की फिक्र करने लगता है। अर्थात प्यार आपको दूसरों की केयर करना सिखाता है। जब आप किसी को बेहद प्यार करते हैं तो उसका अहसास शब्दों में अभिव्यक्ति से परे होता है। यह प्यार झलकता है उस शक्स के साथ हमारे व्यवहार में, उसकी हर जरूरत को पूरा करने की हमारी चाहत में। प्यार का रिश्ता जब इतना गहरा है तो उसे जताने के अंदाज में भी उतनी ही गहराई होनी चाहिए। ऐसी धारणा है कि प्यार होने के लिए दिल जिम्मेदार होता है। लेकिन एक अध्ययन में यह पाया गया है कि किसी से गहराई से प्यार होने के लिए दिल नहीं बल्कि दिमाग जिम्मेदार होता है। दिमाग का वह भाग जिससे प्रेरणा और प्रतिफल की भावना जुड़ी है, वही भाग प्यार में दीवानगी की हद तक ले जाने के लिए जिम्मेदार होता है। स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्ययॉर्क के शोधकर्ताओं ने पाया कि प्यार के मामले में दिल नहीं बल्कि दिमाग की हरकतें ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। प्यार सिर्फ लड़के और लड़कियों के बीच ही नहीं होता बल्कि ये एक मां का उसके बच्चे के प्रति, एक दोस्त का दोस्त के प्रति, एक पति का अपनी पत्नी के लिए भी हो सकता है। आप जिससे प्यार करते हैं उसे 14 फरवरी वेलेनटाइन डे के दिन धन्यवाद दे सकते हैं। वहीं आज वेलेनटाइन डे बाजारवाद का शिकार हो गया है। लेकिन प्यार जताने के लिए मंहगे गिफ्ट देना जरूरी नहीं है। इस दिन का मतलब प्यार को जताना और समाज में प्यार और एकता को दिखाना होता है। तो देर किस बात की आप भी अपने किसी खास को अपने प्यार के अहसास से सराबोर कर उसे धन्यवाद कहना ना भूलें।
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