आजादी, स्वच्छंदता या स्वतंत्रता एक ऐसा शब्द है, जिसमें पूरा आसमान समाया हुआ है। आजादी एक स्वाभाविक भाव है जो हर किसी की चाहत होती है। सदियों से अंग्रेजों की दासता से त्रस्त भारत 15 अगस्त 1942 को आजाद हुआ। लोग अंग्रेजों के अत्याचार से त्रस्त थे। ऐसे में बेचैन भारत में आजादी का पहला विगुल 1857 में बजा था लेकिन कुछ कारणों से हम गुलामी की जंजीर तोड. कर मुक्त नहीं हो पाये। लेकिन उसके चंद रोज बाद बाल गंगाधर तिलक के नारे आजादी हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और हम उसे लेकर रहेंगे, ये नारे ने लोगों में जोश ंभर दिया और वे स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए प्रयासरत हो गये। और उन सब की मेहनत और दृढ. इच्छाशक्ति के कारण 15 अगस्त 1947 को हम सब को आजादी मिली। आजादी हमें आसानी से नहीें मिली है, बल्कि अनेक क्रांतिकारियों और देशभक्तों के प्रयास तथा बलिदान से आजादी की गौरव गाथा लिखी गई है। स्वतंत्रता जीवन का वरदान है। व्यक्ति को पराधीनता में चाहे कितना भी सुख प्राप्त हो किंतु उसे वो आनंद नहीं मिलता जो स्वतंत्रता में कष्ट उठाने पर भी मिल जाते हैं। हर साल हम स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता की भावना और श्रद्धा के साथ आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के लिए श्रद्धांजलि के रूप में मनाते हैं। भारत के स्वतंत्रता दिवस पर, हम सभी महान व्यक्तियों को स्मरण करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में अपनी महत्चपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत का स्वतंत्रता दिवस न केवल उत्सव का एक दिन है, बल्कि यह स्मरण और पूजा का भी दिन है। स्वतंत्रता दिवस हमारे अस्तित्व और हमारे शहीदों को याद करने का दिन है जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन त्याग दिया। और हमें आजाद हवा में सांस लेने के लिए आजाद भारत दिया। आजादी तो हमें मिल गई लेकिन आजादी अपने साथ जिम्मेदारियां भी लाती है।
हम आजाद तो हैं, पर उतने जिम्मेदार नहीं। आज जरूरत है हमें अपनी जिम्मेदारियों को निभा कर इस आजादी को कायम रखने की। हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि मुश्किलों से मिली आजादी को समझें। आजादी के दिन तीन रंगों का अनोखा अनुभव महसूस करें इस पर्व को भी आजाद भारत के जन्मदिवस के रूप में पूरे दिल से उत्साह के साथ मनाएं। स्वतंत्रता का मतलब केवल सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता न होकर एक वादे का निर्वाह करना है कि हम अपने देश को विकास की उंचाईयों तक ले जायेंगे। भारत की गरिमा और सम्मान को सदैव अपने से बढ.कर समझेंगे। इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस हम सभी भारतवासियों के लिए बेहद ही खास है। इस वर्ष भारत देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहा है।और इस मौके को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मार्च 2022 को आजादी का अमृत महोत्सव नाम का कार्यक्रम गांधीजी के आश्रम, साबरमती से लांच किया था। 12 मार्च को ही गांधीजी ने 1930 में दांडी मार्च नाम की पैदल यात्रा शुरू की थी। और सबसे खास बात यह भी है कि 12 मार्च 2022 को 15 अगस्त के 75 सप्ताह शेष थे। इसके साथ ही भारत सरकार ने लोगों के दिलों में उर्जा और एकता का जोश भरने के लिए हर घर तिरंगा लगाने का आहृान भी किया है। आजादी हमने 200 वर्षों की गुुलामी के बाद पायी है। इसलिए आज हम सब भारतीयों का यह फर्ज है कि इस आजादी की कीमत को समझे और देशहित के लिए एकजूटता जरूर दिखायें। तभी हम सही मायनों में आजादी का अमृत उत्सव मनायेंगे।


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