तुझे ऐ जिंदगी, हम दूर से पहचान लेते हैं

दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही हैा हमारे देश की युवा पीढ़ी पर पश्चिमी हवा के झोंके अपने रंग बिखेर रहे हैंा खुलापन बढ़ रहा हैा इस युवा पीढ़ी में लड़कों की उन्‍मुक्‍ता उतनी बुरी नहीं लगती, लेकिन अगर कोई लड़की उन्‍मुक्‍त होने की चेष्‍टा करती है तो समाज उस पर उंगलियां उठाने लगता हैा अब भी समाज की प्रवृति में वही चौदहवीं शताब्‍दी वाली दकियानूसी सोच व्‍याप्‍त है, जिसमें समाज को नारी जाति में सिर्फ अवगुण ही दिखाए पड़ते थेा ऐसा नहीं है कि भारत की युवतियां पश्चिम की तरह शारीरिक उन्‍मुक्‍ता नहीं चाहती हैंा वे बिना भेदभाव के राष्‍ट की प्रगति में हिस्‍सेदारी चाहती हैंा आज की युवतियां भले ही प‍‍श्चिमी लिबास में उतर आयी हों, लेकिन उनके भीतर भारतीयता है ा आज भी जब कोई कदम उनकी ओर बढ़ता है तो वे उसकी आहट से ही समझ जाती हैं कि वे कदम उनके मन या आत्‍मा की ओर बढ़ रहा है या शरीर की ओर ा यहां फिराक गोरखपुरी की पंक्तियां सटीक बैठती हैं- बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं ा तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैंा वस्‍तुत: भारतीय नारी में स्‍पर्श की संवेदना समझने और विश्‍लेषित करने की असीम ताकत है ा कोई भी युवती अगर कष्‍ट में है तो उसकी ओर बहुत से हाथ बढ़तें हैं और हर भारतीय स्‍त्री हर स्‍पर्श को महसूसती है, तौलती है और जान लेती है कि स्‍पर्श करने वाले हाथ में कितना और कैसा स्‍नेह है? भारतीय युवती वस्‍तुत: एक ऐसा थर्मामीटर है, जो पुरूष की आंखों को पढ़ सकता है ा उसके स्‍पर्श को विश‍लेि‍षत कर सकता है और वह स्‍वयं के अनुभव के आधार पर प्रतिक्रियाशील भी कर सकता है ा यही उसकी संस्‍कृति ने उसे उपहार में उसे दिया है ा पत्रकारिता की एक छात्रा ने अपने अनुभव के आधार पर बताया कि युवतियां जब आटोरिक्‍सा पर चलती हैं तो उन्‍हें युवको से अधिक ‘अंकलों’ से परेशानी होती है, जिनकी आंखों से लेकर जुबान तक प्रताडि़़त करने से बाज नहीं आतीं ा वे यह भी भूल जाते हैं कि ऐसा ही व्‍यवहार अगर उनकी उसी उम्र की बेटी से किया जाए तो उन्‍हें अच्‍छा नहीं लगेगा ा वर्तमान युग में भारतीय युवतियों में एक नयी उर्जा, नयी ताकत और नये साहस का समुंद्र तरंगित हो रहा है ा कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो आज भी भारत के युवतियों में देश की संस्‍कृतिक चेतना और प्रतिबद्धता युवकों से अधिक है ा आज भी एक चुटकी सिंदूर के लिए अपना तन, मन और जीवन तक न्‍योछावर कर देने और मरते दम तक अपनी जिम्‍मेदारियों का निर्वाह करने की क्षमता  भारत की युवतियों में विद्यमान है ा   


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Milan Tomic

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