हदय की भाषा हिंदी


 हिंदी मात्र एक भाषा नहीं है बल्कि यह हमारी मात्र भाषा है। यह हमारे राष्ट´ की अभिव्यक्ति का एक सरलतम स्रोत्र है। ंदेश को आजादी मिलने के बाद 14सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया गया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी। इसलिए यह तिथि भारतीय इतिहास के लिए गौरव का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को जब देश में भारतीय संविधान लागू हुआ, तो हिंदी पूरे देश की राजभाषा बन गई। और पूरे देशवासियों के द्वारा आत्मसात कर ली गई। भारतीय पुर्नजागरण के समय राजा राम मोहन राय, केशवचंद्र सेन, दयानंद सरस्वती जैसे महान नेताओं ने खड.ी बोली हिंदी का प्रचार-प्रसार किया और अपनेे अधिकतर कार्य हिंदी में ही किया। इस समय हिंदी का ना र्सिफ विकास हुआ बल्कि भारतेंदू ने इसे मानक रूप प्रदान किया। और इसका व्यापक प्रचार महादेवी वर्मा, सुमित्रानंदन पंत, निराला और जयशंकर प्रसाद ने किया। आजादी की लड.ाई में भी हिंदी ने अहम भूमिका निभाई। भारत में विभिन्न बोलियों के रूप में लगभग सात सौ अस्सी भाषाएं प्रचलित हैं। जो छियासठ लिपियों के द्वारा लिखी जाती है। वहीं संविधान के द्वारा बाईस भाषाओं को मान्यता प्राप्त है। लेकिन लगभग 35 करोड. लोग हिंदी में बात करते हैं। इसके अलावा दुनिया के अनेक देशों में लगभग बारह-तेरह करोड. लोग हिंदी का प्रयोग करते हैं। कई देशों में तो हिंदी की शाखाएं भी विकसित हो रही हैं। आज के भारत में हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें सभी गुण पाये जाते हैं। हिंदी भाषा का साहित्य पौराणिक और संपन्न है। यह एक ऐसी भाषा है जो समस्त भारतवासियों को एक सूत्र में बांधती है। इसलिए हिंदी को राष्टकृ भाषा के रूप में चुना गया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट´ संघ में अपना प्रथम वक्तव्य हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया। और हिंदी की महता से लोगों को रूबरू करवाया। लेकिन आजकल ऐसा लगता है कि आर्थिक और तकनीकी विकास के साथ-साथ हिंदी भाषा अपने महत्व को खोती चली जा रही है। आज हर कोई सफलता पाने के लिए अंग्रेजी भाषा को सीखना और बोलना चाहता है, क्योंकि इसके बिना बड.े संस्थानों में काम नहीं मिलता है। यह कटु सत्य है लेकिन हमें अपनी मातृभाषा को कभी भूलना नहीं चाहिये। लोग साल में एक दिन हिंदी दिवस मना कर बड.े- बड.े भाषण दे कर हिंदी प्रेमी होने का दिखावा करते हैं। लेकिन हमें एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि हिंदी हमारे देश की धरोहर है। जिस तरह हम तिरंगे को सम्मान देते हैं उसी तरह हमें हमारी राजभाषा को भी सम्मान देना चाहिए। आज हिंदी भाषा को पूरे विश्व में सम्मान की नजरों से देखा जाता है। यहां तक की टेक्नोलाजी केे जमाने में गूगल, फेसबंुक भी हिंदी को बढ.ावा दे रहे हैं। इसलिए हमें यह गर्व होना चाहिए की हम हिंदी भाषी हैं हमारे देश की राजभाषा का सम्मान करना हम नागरिकों का परम कर्तव्य है। हम सब की धार्मिक विभिन्नताओं के बीच एक हमारी राजभाषा ही है जो एकता का आधार बनती है। हिंदी हदय की भाषा है, जिसकी वजह से हमारे शब्द हदय से निकलते हैं और हदय तक पहुंचते हैं।
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Milan Tomic

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