औघौगिकरण और आधुनिक जीवन शैली के कारण लोग अंधाधुंध प्रकृति का दोहन कर रहे हैं। पेड.ों को काट कर बड.े -बड.े भवन और शैपिंग मॉल बना रहे हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि जंगलों के उजड. जाने के बाद बारिश का पानी रूक नहीं पा रहा है। और धरती का तापमान लगातार बढ. रहा है। जिसके कारण वतावरण में प्रदूषण बढ.ता ही जा रहा है। जिसे अगर नहीं रोका गया तो आने वाले कुछ सालों में हमें इनके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस दिन पूरी दुनिया में वृक्षारोपण होता है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि बाकी के दिन लोग अपने कामों में व्यस्त रहते हैं, लेकिन इस दिन स्कूल, कालेजों से लेकर विभिन्न संस्थान मुख्य भूमिका निभाते हैं, इनके ़द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें लोग भाग लेकर पौधारोपण में अपना सहयोग देते हैं।
क्यों मनाया जाता है
पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनितिक और सामाजिक जागृति लाने के लिए 5 जून को पर्यावरण दिवस मानने की शुरूआत की गई। इसकी शुरूआत संयुक्त राष्टकृ महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन स्टॉकहोम, स्वीडन से हुई। लगभग 119 देशों ने मिलकर एक ही पृथ्वी के सिद्धांत को लेकर पर्यावरण दिवस मनाने की शुरूआत की। पृथ्वी के सभी प्राणी एक-दूसरे पर निर्भर हैं तथा विश्व का प्रत्येक पदार्थ एक दूसरे से प्रभावित होता है इसलिए यह आवश्यक है कि प्रकृति की इन सभी वस्तुओं के बीच संतुलन बनाया जाए। इस दिन सबसे ज्यादा पौधे लगाए जाते हैं। साथ ही साथ बड.े पर्यावरण मुद्रदे जैसे भोजन की र्बबादी और नुकसान, ग्लोबल वार्मिंग, जंगलों की कटाई आदि से बचाव और भाविष्य में आने वाले खतरों से बचाने के लिए पर्यावरण दिवय मनाया जाता है।
भारत में कब से हुुई शुरूआत
भारत में 1974 की एक गोष्ठी में पर्यावरण की बिगड.ती रिूथति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया था। पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में यह भारत का पहला कदम था। तभी से हर साल भारत में पर्यावरण दिवय मनाने की शुरूआत हुई। 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ। इसके अंतर्गत जल, वायु और भूमि इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधों, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि आते हैं।![]() |
क्या है 2019 का थीम
हर साल पर्यावरण दिवय एक थीम पर आधारित होता है। इस साल पर्यावरण दिवस का ‘थीम बीट एयर पॉल्यूशन‘ अर्थात ‘वायु प्रदूषण को हराएं‘ है। यह विषय वायु प्रदूषण को रोेकने के लिए एक आöवान है जो वर्तमान परिवेश में वैश्विक संकट बन गया है। इस थीम को चीन ने चुना है जो विश्व पर्यावरण दिवस 2019 के लिए मेजबान है। भारत में, भामला फाउंडेशन के साथ पर्यावरण मंत्रालय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ताजी हवा के महत्व पर जोर देते हुए एक गीत ‘थोड.ी हवा आने दे‘ जारी किया है। गीत में मनोरंजन और संगीत जगत से जुड.े कलाकारों अक्षय कुमार, कपिल शर्मा, शंकर महादेवन, सुनिधि चौहान, विक्की कौशल आदि ने भाग लिया है। सेंटकृल कोल्फील्डस ने विश्व पर्यावरण दिवस 2019 से पहले उत्सव को ‘बीट एयर पॉल्यूशन‘ विषय पर आधारित पेंटिंग और निबंध लेखन प्रतियोगिता के साथ शुरू किया है, जोे इस दिन का थीम भी है।उड्ढेश्य-
मनुष्य और पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं। आधुनिक युग में पर्यावरण को हानि पहुंचाने में औद्रयोगीकरण तथा जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस का उड्ढेश्य मानव और पर्यावरण के बीच के संतुलन को बनाए रखना होता है। और यह तभी संभव है जब हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे। वायु को शुद्ध रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड. लगाने होंगे। ताकि वायु का शुद्ध हो सके। क्योंकि जब हम पेड. लगायेंगे तभी सांस ले पायेंगे।क्या करने की जरूरत
1. जितना हो सके पेड. लागएं।2. लोगों को उपहार में पौधे दें।
3 . कार्यलयों में कार्यरत लोग प्रत्येक राष्टकृीय पर्व पर पेड. लगाएं।
4. प्लास्टिक के कैरी बैग की जगह कपड.े के बैग का इस्तमाल करें।
5. प्लास्टिक के बर्तनों की जगह मिट्रटी से बने बर्तनों का प्रयोग करें।
6. अपने वाहनों की जांच करवा कर प्रदूषण के स्तर को देखें।
7 .घर पर टेरिस गार्डन बनाएं।
8. अपने वाहनों पर क्लीन ईंधन का इस्तेमाल करें ताकि धुंआ कम निकले।
इन सब उपायों के द्वारा हम पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। और पर्यावरण को शुद्ध बना सकते हैं। इसलिए जितना हो सके पेड. लगाएं और जीवन को बचाएं।
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