अब लौटे प्रकृति की ओर

विश्व पर्यावरण दिवस को पर्यावरण दिवस और ईकों दिवस के नाम से भी जाना जाता है। ये वर्षों से एक बड. वार्षिक उत्सवों में से एक है जो हर वर्ष 5 जून को जीवन का पालन-पोषण करने वाली प्रकृति को सुरक्षित रखने के लक्ष्य के लिए लोगों द्वारा पूरे विश्व भर में मनाया जाता है। औघौगिकरण और आधुनिक जीवन शैली के कारण लोग अंधाधुंध प्रकृति का दोहन कर रहे हैं। पेड.ों को काट कर बड. -बड. भवन और शैपिंग मॉल बना रहे हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि जंगलों के उजड. जाने के बाद बारिश का पानी रूक नहीं पा रहा है। और धरती का तापमान लगातार बढ. रहा है। जिसके कारण वातावरण में प्रदूषण बढ.ता ही जा रहा है। जिसे अगर नहीं रोका गया तो आने वाले कुछ सालों में हमें इनके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस दिन पूरी दुनिया में वृक्षारोपण होता है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि बाकी के दिन लोग अपने कामों में व्यस्त रहते हैं, लेकिन इस दिन स्कूल, कालेजों से लेकर विभिन्न संस्थान मुख्य भूमिका निभाते हैं, इनके ़द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें लोग भाग लेकर पौधारोपण में अपना सहयोग देते हैं। वर्तमान परिवेश में पूरा विश्व महामारी ;कोरोनाद्ध के दंश से ग्रसित है। और हम सभी डरे, सहमें अपने-अपने घरों में कैद हैं। लेकिन वहीं पेड. पौधे, पशु-पक्षी सभी खुल कर प्रकृति में विचरण कर रहे हैं। अब सुबह सवेरे अलार्म नहीं बल्कि पक्षियों की चहचाहट से नींद खुल रही है। गंगा नदी जिसे सालों से साफ करने का प्रयास किया जा रहा था, वो अब पूरी तरह से साफ हो चुकी है। आसमान अब बिल्कुल नीला दिखाई दे रहा है। वातावरण शुद्ध और स्वच्छ हो गया है। और हवा में जहरीले गैसों की मात्रा काफी कम हो गई और हवा शुद्ध हो गई है। दुनिया के लिए लॉकडाउन भले ही परेशानियों भरा रहा हो। लेकिन प्राकृतिक दृष्टि से यह बहुत ही लाभदायक रहा। प्रदूषण का स्तर 50 प्रतिशत कम हो गया है।

क्यों मनाया जाता है-

बड. पर्यावरण मुड्ढों जैसे भोजन की बरबादी और नुकसान, वनों की कटाई, ग्लोबल वार्मिंग का बढ.ना इत्यादि को बताने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस वार्षिक उत्सव मनाने की शुरूआत की गयी थी। पूरे विश्व में इस अभियान को प्रभाव में लाने के लिए वर्ष के खास थीम और नारे के अनुसार हर वर्ष के उत्सव की योजना बनायी जाती है। पर्यावरण सरंक्षण के दूसरे तरीकों सहित बाढ. और अपरदन से बचाने के लिए सौर जल तापक, सौर स्रोतों के माध्यम से क् र्जा उत्पादन, नये जल निकासी तंत्र का विकास करना, प्रवाल-भिति को बढ.ावा देना और मैनग्रोव का जीणोंद्धार आदि के इस्तेमाल के लिये आम लोगों को बढ.ावा देना, सफलतापूर्वक कार्बन उदासीनता को प्राप्त करना, जंगल प्रबंधन पर ध्यान देना, ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव घटाना, बिजली उत्पादन को बढ.ाने के लिए हाइडकृो शक्ति का इस्तेमाल, निम्निकृत भूमि पर पेड. लगाने के द्वारा बायो-ईंधन के उत्पादन को बढ.ावा देने के लिए इसे मनाया जाता है। इसके अलावा पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने, और जीवन का पालन पोषण करने वाली प्रकृति को सुरक्षित रखनेे लिए 5 जून को पर्यावरण दिवस मानने की शुरूआत की गई। इसकी शुरूआत संयुक्त राष्टकृ महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन स्टॉकहोम, स्वीडन से हुई। लगभग 119 देशों ने मिलकर एक ही पृथ्वी के सिद्धांत को लेकर पर्यावरण दिवस मनाने की शुरूआत की। पृथ्वी के सभी प्राणी एक-दूसरे पर निर्भर हैं तथा विश्व का प्रत्येक पदार्थ एक दूसरे से प्रभावित होता है इसलिए यह आवश्यक है कि प्रकृति की इन सभी वस्तुओं के बीच संतुलन बनाया जाए। इस दिन सबसे ज्यादा पौधे लगाए जाते हैं। साथ ही साथ बड. पर्यावरण मुद्रदे जैसे भोजन की बर्बादी और नुकसान, ग्लोबल वार्मिंग, जंगलों की कटाई आदि से बचाव और भविष्य में आने वाले खतरों से बचाने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

भारत में कब से हुुई शुरूआत

भारत में 1974 की एक गोष्ठी में पर्यावरण की बिगड.ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव विषय पर व्याख्यान दिया था। पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में यह भारत का पहला कदम था। तभी से हर साल भारत में पर्यावरण दिवस मनाने की शुरूआत हुई। 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ। इसके अंतर्गत जल, वायु और भूमि इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधों, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि आते हैं। और इन सभी के संरक्षण करने के लिए भारत में 1974 से 5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा।         

2020 के लिए पर्यावरण दिवस की थीम

हर साल पर्यावरण दिवस एक थीम पर आधारित होता है। इस साल पर्यावरण दिवस काथीम विश्व पर्यावरण दिवस 2020 बायोडायवर्सिटी ;जैव विविधताद्ध पर केंद्रित होगा और जर्मनी के साथ साझेदारी में कोलंबिया में आयोजित किया जाएगा। कोलंबिया को इसलिए चुना गया क्योंकि कोलंबिया ग्रह की जैव विविधता का 10 प्रतिशत रखने के लिए दुनिया के सबसे बड. मैगैडवर्स देशों में से एक है। चूंकि यह अमेजन वर्षावन का हिस्सा है, कोलंबिया पक्षी और ऑर्किड प्रजातियों की विविधता में पहले स्थान पर है और पौधों, तितलियों, मीठे पानी की मछलियों और उभयचरों में दूसरा है। वर्ष 2019 में भारत में, मामला फाउंडेशन के साथ पर्यावरण मंत्रालय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ताजी हवा के महत्व पर जोर देते हुए एक गीतथोड. हवा आने देजारी किया है। गीत में मनोरंजन और संगीत जगत से जुड. कलाकारों  अक्षय कुमार, कपिल शर्मा, शंकर महादेवन, सुनिधि चौहान, विक्की कौशल आदि ने भाग लिया था।

विविधता की परवाह क्यों है जरूरी

इकोसिस्टम सबसे छोटे बैक्टीरिया से लेकर सबसे बड. कशेरूक तक सभी भागों पर निर्भर है। यह आपस में जुड. हुआ है। और कुछ ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहे हैं जिससे इंसान सांस ले रहे हैं। कुछ बड. प्रजातियों के लिए भोजन भी प्रदान करते हैं, जो बदले में बड. प्रजातियों का शिकार बन जाते हैं। इस तरह संतुलन को बनाए रखने में प्रत्येक जीव की महतवपूर्ण  भुमिका होती है। इसमें एक तत्व को हटाकर एक से अधिक प्रजातियों को खो सकते हैं। पूरे प्रकृति में 98 प्रतिशत से अधिक प्रजातियां विलुप्त हैं। इसलिए विविधता की परवाह करना बहुत ही जरूरी है। तभी पृथ्वी में संतुलन बनाये रखा जा सकता है।

उड्ढेश्य-

मनुष्य और पर्यावरण दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं। आधुनिक युग में पर्यावरण को हानि पहुंचाने में Úोेगीकरण तथा जीवनशैली को जिम्मेदार माना जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस का उड्ढेश्य मानव और पर्यावरण के बीच के संतुलन को बनाए रखना होता है। और यह तभी संभव है जब हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे। हम सभी को वायु को शुद्ध रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड. लगाने होंगे। ताकि पर्यावरण शुद्ध हो सके। क्योंकि जब हम पेड. लगायेंगे तभी स्वच्छ हवा में सांस ले पायेंगे।

क्या करने की जरूरत

1  जितना हो सके पेड. लागएं।

2  लोगों को उपहार में पौधे दें।

3  कार्यलयों में कार्यरत लोग प्रत्येक राष्टकृीय पर्व पर पेड. लगाएं।

4 प्लास्टिक के कैरी बैग की जगह कपड. के बैग का इस्तमाल करें।

5 प्लास्टिक के बर्तनों की जगह मिट्रटी से बने बर्तनों का प्रयोग करें।

6 अपने वाहनों की जांच करवा कर प्रदूषण के स्तर को देखें।

7 घर पर टेरिस गार्डन बनाएं।

8 अपने वाहनों पर क्लीन ईंधन का इस्तेमाल करें ताकि धुंआ कम निकले।

 इन सब उपायों के द्वारा हम पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते हैं। और पर्यावरण को शुद्ध बना सकते हैं।  इसलिए जितना हो सके पेड. लगाएं और जीवन को बचाएं।

मिल कर लेना होगा संकल्प

शहरों के विकसित होने से हर जगह हरियाली कम और बड.-बड. इमारतें बनते जा रही हैं।लगातार गाडि.यों के बढ.ने के कारण प्रदूषण की मात्रा में भी बढ.ोतरी हो रही है। अभी कुछ समय से लाकडाउन की वजह से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, और नदियां साफ हो गई हैं। लेकिन अगर हम नहीं सुधरेंगे तो, आने वाले कुछ सालों में साफ हवा में सांस लेने के लिए र्सिफ पहाड. और जंगल ही बचे रहेंगे। प्रदूषण से लगातार बीमारियां बढ. रही हैं। इस लिए इस पर्यावरण दिवस में हमें यह प्रण लेना होगा कि हम पृथ्वी का दोहन नहीं करेंगे। इसे और भी ज्यादा हरा भरा बना कर इसे साफ और स्वच्छ रखेंगे।  सापर्यावरण की सुरक्षा के उपायों को लागू करने के लिए हर उम्र के लोगों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इसके लिए पेड.-पौधे लगाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। साफ-सफाई अभियान, रीसाइकलिंग, सौर र्क्जा, बायो गैस, बायो खाद, सीएनजी वाले वाहनों के इस्तेमाल और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी तकनीकों को अपनाने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा। सड. रैलियों, नुक्कड. नाटकों बैनरों के द्वारा लोगों को जागरूक करना होगा। साथ ही साथ सोशल साईटस के द्वारा भी लोगों को जागरूक करने का अभियान चलाना होगा।

                         प्रकृति को हरा भरा रखनेे में सभी का योगदान होना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि सभी के सहयोग से ही हम अपनी पृथ्वी को हरी-भरी और स्वच्छ बना सकते हैं। इसके अलावा हमें कुछ और बातों का भी घ्यान रखने की जरूरत है। जैसे अपने घरों के कूड. को सड. पर फेंकने के बजाय उसे रीसाइकिल के लिए डाल देना चाहिए। कम दूरी के लिए मोटरगाडि.यों के बजाए साइकिल का प्रयोग करें। ताकि सेहत के साथ-साथ वातावरण भी शुद्ध रहे। पानी की र्बबादी को रोकना होगा। किचन गार्डेन बना कर गंदे पानी को उपयोग में लाना होगा। इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर ही हम प्रकति का संरक्षण कर उसे आने वाली पीढ. के लिए बचा सकेंगे। आधुनिक जीवन शैली को बदल कर हमें प्रकृति की ओर लौटना होगा। तभी हम सब पर्यावरण को भाविष्य के लिए सुरक्षित कर पायेंगे।

 

 

 


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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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