क्या है योग
योग एक ऐसा शरीरिक व्यायाम है, जो शरीर के अंगों से लेकर मन और मस्तिष्क को तंदुरूस्त रखता है। साथ ही साथ यह शरीर का साक्षात्कार आत्मा से करवाता है। भारतीय ऋृषियों ने लगभग 5000 साल पहले योग की शुरूआत की थी। ऐसी मान्यता है कि जब से सभ्यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। अर्थात प्राचीनतम धर्मों या आस्थाओं के जन्म लेने से काफी पहले योग का जन्म हो चुका था। भारत में इसकी शुरूआत का श्रेय महर्षि पतंजलि को दिया जाता है। योग मनुष्य के शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। इतना ही नहीं प्रतिदिन योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से अनगिनत रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
योग की उत्पति कैसे हुई
योग मुख्यतः संस्कृत का शब्द है, और इसकी उत्पति ऋृग्वेद से हुई है। ऋृग्वेद में योग की व्याख्या करते हुए यह बताया गया है कि योग वह शक्ति है जिससे हम अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को एक सूत्र में पिरो सकते हैं। योग का जनक भारत है लेकिन विदेशों में इसके प्रचार-प्रसार स्वामी विवेकानंद ने किया। स्वामी विवेकानंद अक्सर विदेशों में भारत की वैदिक संस्कृति के बारे में लोगों को बताते थे। इस तरह से योग भारत से निकल कर समस्त देश-विदेशों में अपनी पहचान बनायी। और 21 जून को अंतरराष्टकृीय योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाने लगा।
क्यों मनाया जाता है 21 जून को
अब सवाल यह है कि आखिर क्यों 21 जून को ही योग दिवस मनाने के लिए चुना गया। 21 जून वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है, और योग भी मनुष्य को लंबा जीवन प्रदान करता है। इसी के मड्ढेनजर 21 जून का दिन योग दिवस के लिए चुना गया। पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इसकी शुरूआत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जाता है। क्योंकि उन्होंने ही 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्टकृ महासभा में अपने भाषण में योग की महता से लोगों को रूबरू करवाया था। इसके बाद ही 21 जून को अंतरराष्टकृीय योग दिवस घोषित किया गया। और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्टकृ में 177 सदस्यों द्वारा 21 जुन को अंतरराष्टकृीय योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली । उसके बाद देश-विदेश में योग दिवस मनाया जाने लगा।
योग से क्या फायदे होते हैं
योग करने से शरीर और मन तरोताजा और फिट तो रहते ही हैं। साथ ही साथ प्रतिदिन योग करने से अनगिनत रोग भी इससे ठीक होते हैं। वर्तमान जीवनशैली और फास्ट फूड के कारण क्या बच्चे क्या बड.े सभी मोटापे का शिकार हो रहे हैं। मोटापे को कम करने के लिए वज्रासन, मंडूकासन, उष्टकृासन, सर्वागांसन, धनुरासन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन और पÚासन जैसे योग किए जाते हैं। कमर दर्द के लिए मकरासन, भुजंगासन, हलासन और अर्ध-मत्स्येंद्रासन योग लाभकारी होते हैं। आजकल अनियमित भोजन, फास्ट-फूड अनिद्रा और तनाव से कब्ज की समस्या से अनगिनत लोग पीडि.त हैं। कब्ज से बचाव के लिए वज्रासन, सुप्तवज्रासन, मयूरासन, पश्चिमोत्तानासन, धनुरासन मत्स्यासन, कूर्मासन, चक्रासन आदि योगासन बहुत ही लाभदायक होते हैं। प्रदूषण और दूषित भोजन के कारण आजकल हर कोई बालों के झड.ने की समस्या से पीडि.त है। प्रदूषण के कारण त्वचा रूखी हो जाती है और रूखी त्वचा के कारण डैंडकृफ की समस्या हो जाती है। इसे समय पर रोकने के लिए वज्रासन,कुर्मासन और उष्टकृासन करना चाहिए। प्राणायाम और अनुलोम-विलोम आसन भी लाभ देते हैं। कुर्मासन पेन्क्रिसाज को सक्रिय कर डायबिटीज से मुक्ति दिलाता है। इसके साथ ही यह आसन उदर के रोग में भी लाभ पहुंचाता है। कुर्माआसन करते वक्त कछुए की आकृति बन जाती है इसलिए इसे कुर्म यानी कछुए की आकृति वाला आसन कहते हैं। इसके साथ ही शवासन, हलासन, पवनमुक्तासन, धनुरासन और अनुलोम-विलोम जैसे आसन भी डायबिटीज कंटकृोल करने में मदद करते हैं। बकासन से चेहरे की चमक बढ.ती है। हाथों की मांसपेशियों पर विशेष बल पड.ने के कारण उनमें मजबूती आती है, और इस आसन के कारण पूरे शरीर में एक खिंचाव आती है। इससे शरीर निरोगी बनता है। इस तरह विभिन्न आसानों के प्रतिदिन की दिनचर्या में अपना कर स्वस्थ्य और निरोगी काया पाया जा सकता है।
क्या है इस वर्ष का थीम
इस साल छठा अंतरराष्टकृीय योग दिवस मनाया जायेगा। लेकिन कोरोना वायरस जैसी महामारी के कारण इस साल योग दिवस घर पर परिवार के साथ योग करने का अहवाहन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। प्रधानमंत्री ने योग दिवस को लेकर एक ईवेंट लांच किया था। इसका नाम माई लाइफ माई योगा है। उन्होंने अपने मन की बात के जरिए लोगों से अपील की थी कि इस साल अंतरराष्टकृीय योग दिवस का थीम घर पर योग और परिवार के साथ योगा करना है। और यह थीम कोरोना वायरस के कारण ही रखा गया है, ताकि लोग योग भी करें और घर पर सुरक्षित भी रहें। आज की व्यस्त, तनावपूर्ण और अस्वस्थ्य दिनचर्या में योग के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहें हैं। आसन से शरीर, प्राणायम से प्राण और ध्यान से मन में शांति और शक्ति का संचार होता है। इन सब से शरीर, प्राण और मन स्वस्थ्य रहता है। प्रतिदिन सूर्य नमस्कार को अपने जीवन में शामिल करके स्वस्थ्य मन और निरोगी काया पा सकते हैं। इस लिए साकारात्मक सोच और स्वस्थ्य शरीर के लिए योग को अपने प्रतिदिन की दिनचर्या में जरूर शामिल करें और निरोगी रहें।
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