![]() |
आज के इंटरनंेट और ऑनलाइन की दुनिया में सब कुछ एक क्लिक में उपलब्ध है। चाहे वो जरूरत की चीजें हो या फिर भावनात्मक लगाव की सारी चीजें एक क्लिक में आपके पास हाजिर है। आज के हाईटेक जमाने में लोग इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक, वाट्रसअप, इंस्टाग्राम और अनगिनत मैसेंजर एप्लीकेशन के द्वारा अपने परिचितों, दोस्तों और सहकर्मियों के साथ जुड.े हुए हैं। चाहे शौक या फिर मजबूरी में ही सही लोगों ने अपने एकाउंट इन सोशल साईटसों पर बना रखा है। ये सोशल साईटस आज की व्यस्त जिंदगी और बिखरे हुए रिश्तों को समेटने के मद्रदेनजर हमारी जिंदगी में ये हमारी जरूरतों में शामिल हो चुके हैं। और कुछ हद तक ये फायदेमंद भी हैं। जहां एक ओर ये सोशल साइटस नए दोस्त बनाने और उनके साथ एक आभासी रिश्ता या जुड.ाव बनाने में मदद करता है, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इन साईटसों में प्यार भरे रिश्ते बना कर आभासी प्रेम और ऑनलाइन डेटिंग का आनंद भी लेने लगते हैं। जब कोई रिश्ता सोशल साईटस से शुरू हो और उसके बाद ऑनलाइन डेटिंग की शुरूआत हो जाये तो उसे ही वर्चुअल लव कहते हैं। अगर इसे मायावी प्रेम कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि ऑनलाइन डेटिंग में लोग एक दूसरे से कभी मिलते नहीं है, तो ऐसे में यहां उम्र, रहन-सहन या लुक इन सारी चीजों की चिंता करने की कोई भी आवश्यकता नहीं होती है।
वर्चुअल यानी एक आभासी दुनिया जहां लोगों को अपने प्यार को लेकर जो भी आभास होता है वह एक दूसरे के वास्तविक जीवन से जुड.ा होता है। और इस मायवी प्रेम को लेकर लोग अपनी भावनाओें को व्यक्त कर एक दूसरे के प्रति भावनात्मक जुड.ाव महसूस करते हैं। वर्चुअल लव या आभासी प्यार में लोग अपने साथी के साथ प्यार भरी बातें कर सकते हैं लेकिन एक दूसरे को देख कर छू या महसूस नहीं कर सकते हैं। इस संदर्भ में मोबाइल फोन की भूमिका भी अहम होती है। जिसे मोबाइल रोमांस के नाम से भी जाना जाता है। वास्ताविक प्रेम करने के लिए लोगों को काफी मशक्कत करनी होती है, लेकिन वर्चुअल लव में प्रेम आसानी से मिल जाता है। क्योंकि वहां ज्यादा डिमांड नहीं होती ,बंदिशें कम और आजादी अधिक होती है। इसलिए लोग आसानी से इस रिश्ते को अपना लेते हैं। इस रिश्ते की एक खास बात यह भी है कि इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं होती है। इसमें सिर्फ युवा ही नहीं पचास साल या इससे अधिक उम्र के लोग भी अपने लिए रिश्ते तलाश कर लेते हैं। और सहज ही अपनी भावनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। वर्चुअल लव में दो व्यक्ति एक दूसरे से भावनात्मक लगाव और मानसिक खुशी को पाने के उड्ढेश्य से एक दूसरे के करीब आते हैं। मनोचिकत्सकों का कहना है कि इस तरह के रिश्तों में ज्यादातर बड.े उम्र के लोग या फिर अंदर से टूटे-फूटे लोग मानसिक शांति और अपने दुखों को भूलने के लिए पड.ते हैं। इस रिश्तों में उन्हें किसी भी तरह का डर या मन में हीन भावना नहीं होती है। क्योंकि वर्चुअल लव डिमांडिंग नहीं होता। लोग निजी जिंदगी में जिन चीजों को बदल नहीं पाते हैं, वे मायावी प्यार के रिश्ते में आसानी से बदल लेते हैं। और अपने आप को खुश रखते हैं। चाहे वो क्षणिक या आभासी ही क्यों ना हो। वर्तमान परिवेश में महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन लगी हुई है। ऐसे में वर्चुअल लव की डिमांड ज्यादा बढ. गई है। बिना कोई शारीरिक आर्कषण के गहरी मित्रत्रा के लिए लोग एप्प के माध्यम से अपने प्यार को तलाश रहे हैं। इस में वे सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए भी अपनी बातों और भावनाओं को एकदूसरे से साझा कर सकते हैं। वर्चुअल लव अगर फायदेमंद है तो वहीं कुछ बातों में ये हानिकारक भी है। लोग जब एक दूसरे के आदि हो जाते हैं तो उनके बीच भावानाओें के आलावा विश्वास का भी रिश्ता बन जाता है। और वे एकदूसरे से अपनी निजी बातें भी शेयर करने लगते हैं। या फिर कुछ लोग वर्चुअली से वास्तविक जिंदगी में एकदूसरे के साथ रहने के लिए शादी करना चाहते हैं। अगर ऐसा कुछ आप प्लान कर रहे हैं, तो हो जायें सावधान और सर्तक। क्योंकि वर्चुअल दुनिया में सब कुछ मायावी है। यहां आप भावनात्मक रूप से उतना ही जुड.े जितना जरूरी हो, ताकि जब आप इस रिश्ते से बाहर आना चाहे तो आपको मानसिक अवसाद का सामना ना करना पड.े। इस तरह के रिश्ते आपको क्षणिक खुशी तो दे सकते है, लेकिन जिंदगी भर की खुशी शायद ही दे पाये। इसलिए तो इसे वर्चुअल, आभासी और मायवी प्रेम कहा जाता है।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें